मेरी मोहब्बत बेजुबाँ होती रही, दिल की धड़कनें अपना वजूद खोती रही, कोई नही आया मेरे दुख में करीब, एक बारिश की बूंदे थी जो मेरे साथ रोती रही।
तुमसे इश्क है या नही मुझे नही पता पर तुम्हे मुस्कुराते देख कर एक अजीब सा सुकून मिलता है।
तुम मेरी ज़िंदगी की वो ख़ुसी हो जिसे मैने अपनी हर दुआ मे मागा है
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल..जिनके चाहने वाले ज्यादा हो..वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं
क्या पता था कि महोब्बत हो जायेगी,
हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर,बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे
तू मुझमें पहले भी था ,तू मुझमें अब भी है… पहले मेरे लफ्जों में था अब मेरी खामोशियों में है।
दिल तो हर किसी के पास होता हैँ,
लेकिन सब दिलवाले नहीँ होते..!
किसी को चाह कर ना पाना दर्द देता है, लेकिन पाकर खो देना जिँदगी तबाह कर जाता है…
न जाने कब वो रिश्ता बन गया, कोई अंजाना न जाने कब अपना बन गया, हमे एहसास भी न हुआ और न जाने कब कोई मेरी जिंदगी की जरूरत बन गया।
प्यार नही तो नफ़रत ही सही, कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते है
बहुत सी बाते दिल में छुपा लई हमने, हम तो प्यार आपको करते थे और आप किसी और की हो गए
छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी, उसको मुजसे मिलने के बाद,
कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद.
कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम, आज दिल की एक एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी…
किसी को प्यार करो तो इतना करों की उसे जब भी प्यार मिलें… तो तुम याद आओ
तेरी यादोँ के ‘नशे’ मेँ, अब ‘चूर’ हो रहा हूँ,
लिखता हूँ ‘तुम्हेँ’ और, ‘मशहूर’ हो रहा हूँ
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का,बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम….
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है…